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केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना के तीसरे चरण की शुरुआत की

नवंबर 2025 में, इस्पात मंत्रालय (Ministry of Steel – MoS) के केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने विशेष इस्पात (Specialty Steel) के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तीसरे चरण (PLI Scheme 1.2) की आधिकारिक शुरुआत की।
इस योजना का उद्देश्य उच्च मूल्य वाले और उन्नत इस्पात उत्पादों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।

पीएलआई 1.2 के बारे में:

  • आवेदन की अवधि (Application Window):
    योजना के लॉन्च के 30 दिनों के भीतर https://plimos.mecon.co.in पर ऑनलाइन आवेदन करें।

  • पात्रता (Eligibility):
    वे भारतीय पंजीकृत कंपनियाँ जो अधिसूचित उत्पादों के एंड-टू-एंड विनिर्माण में लगी हैं, आवेदन कर सकती हैं।

  • परिधि (Scope):
    यह योजना पाँच प्रमुख उत्पाद समूहों में फैली 22 उत्पाद उप-श्रेणियों को कवर करेगी।

  • प्रोत्साहन दर (Incentive Rate):
    उत्पाद के प्रकार और मूल्य संवर्धन के स्तर के आधार पर प्रोत्साहन दर 4% से 15% तक होगी।

  • प्रोत्साहन अवधि (Incentive Period):
    यह योजना पाँच वर्षों तक चलेगी, जो वित्त वर्ष 2026 (FY26) से शुरू होगी, और भुगतान वित्त वर्ष 2027 (FY27) से शुरू होंगे।

  • आधार वर्ष (Base Year):
    मूल्य निर्धारण के लिए आधार वर्ष को FY2020 से बदलकर FY2025 कर दिया गया है, ताकि मौजूदा बाजार स्थितियों और इनपुट लागत संरचना को ध्यान में रखा जा सके।

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भारत का पहला SiC सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र ओडिशा में स्थापित किया जाएगा

नवंबर 2025 में, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मज्ही ने भारत का पहला एंड-टू-एंड सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र ओडिशा के इन्फो वैली, भुवनेश्वर में उद्घाटन किया।
यह परियोजना भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर (Self-Reliant) बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

यह परियोजना इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत स्वीकृत की गई है।


प्रमुख जानकारी (Key Details):

  • क्या?
    भारत का पहला सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र शुरू किया गया।

  • किसके द्वारा?
    ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मज्ही द्वारा।

  • कहाँ?
    इन्फो वैली, भुवनेश्वर (ओडिशा)

  • क्रियान्वयन एजेंसी (Implementing Agency):
    SiCSem Private Limited

  • सहयोग (Collaboration):
    Clas-SiC Wafer Fab Ltd (UK)

  • स्वीकृति (Approval):
    इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM), MeitY के तहत।

  • निवेश (Investment):
    ₹2,067 करोड़


ओडिशा में SiCSem सेमीकंडक्टर परियोजना के बारे में:

परियोजना विवरण (Project Overview):
यह परियोजना SiCSem Private Limited द्वारा लागू की जा रही है, जो Archean Chemical Industries Limited की एक सहायक कंपनी है।
परियोजना में असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) के साथ SiC-आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधा की स्थापना शामिल है।

सहयोग (Collaboration):
यह सुविधा SiCSem Private Limited और यूके स्थित Clas-SiC Wafer Fab Ltd के सहयोग से स्थापित की जा रही है, जो भारत की सेमीकंडक्टर और पावर-इलेक्ट्रॉनिक्स महत्वाकांक्षाओं में एक बड़ा मील का पत्थर है।

कुल निवेश (Total Investment):
लगभग ₹2,067 करोड़, और इसके लिए ओडिशा औद्योगिक विकास निगम (IDCO) द्वारा 23 एकड़ भूमि आवंटित की गई है।

उत्पादन क्षमता (Production Capacity):
यह संयंत्र प्रति वर्ष 60,000 SiC वेफर्स और 96 मिलियन पैकेज्ड यूनिट्स का उत्पादन करेगा।
यह सुविधा 2027–28 तक परिचालन में आने की उम्मीद है।

उपयोग (Applications):
इस सुविधा में निर्मित SiC-आधारित सेमीकंडक्टर का उपयोग निम्न क्षेत्रों में किया जाएगा:

  • इलेक्ट्रिक वाहन (EVs)

  • रक्षा और मिसाइल प्रणाली

  • रेलवे और सोलर इनवर्टर्स

  • फास्ट चार्जर्स और स्मार्ट ग्रिड्स

  • डेटा सेंटर, औद्योगिक स्वचालन और घरेलू उपकरणों में।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड विधानसभा के रजत जयंती सत्र को संबोधित किया

3 नवंबर 2025 को, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून (उत्तराखंड) में आयोजित उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया।
यह सत्र राज्य की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

राष्ट्रपति ने नैनीताल, उत्तराखंड में राजभवन की स्थापना के 125वें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत की।


प्रमुख जानकारी (Key Details):

  • क्या?
    उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया गया।

  • किसने?
    भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने।

  • कहाँ?
    देहरादून, उत्तराखंड

  • महत्त्व (Significance):
    यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 वर्ष (Silver Jubilee) पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया।

  • अन्य कार्यक्रम:
    नैनीताल राजभवन की स्थापना की 125वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुईं।


उत्तराखंड @ 25

विकास (Growth):
अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, तीर्थाटन, महिला सशक्तिकरण, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उत्तराखंड की प्रगति की सराहना की।

उपलब्धियाँ (Progress Highlights):
उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है —

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) में सुधार,

  • साक्षरता दर में वृद्धि,

  • मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी।


पृष्ठभूमि (Background):

उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को हुआ था, और यह भारत का 27वां राज्य बना।
यह राज्य उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी जिलों से अलग कर बनाया गया था, ताकि क्षेत्र की भौगोलिक, सांस्कृतिक और विकासात्मक आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से संबोधित किया जा सके।

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जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा 2025 : 1 से 15 नवंबर 2025 तक मनाया गया

भारत सरकार (GoI) द्वारा जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा 2025 का आयोजन 1 नवंबर से 15 नवंबर 2025 तक किया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य भारत की समृद्ध जनजातीय विरासत, संस्कृति और योगदानों का सम्मान करना है।

यह पखवाड़ा जनजातीय गौरव वर्ष के वर्षभर चलने वाले समारोह का हिस्सा है, जो जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती (15 नवंबर 2025) के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है।


प्रमुख जानकारी (Key Details):

  • क्या?
    जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा 2025

  • कब?
    1 से 15 नवंबर 2025 तक

  • आयोजक (Organizer):
    जनजातीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs – MoTA),
    केंद्रीय मंत्री जुअल ओराम के मार्गदर्शन में।

  • महत्त्व (Significance):
    यह भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे जनजातीय गौरव वर्ष का हिस्सा है।

  • जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Diwas):
    हर वर्ष 15 नवंबर को मनाया जाता है।


जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा के बारे में:

उत्सव का उद्देश्य:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में संस्थागत करने की घोषणा की थी, ताकि भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सम्मान दिया जा सके।

आयोजन:
यह कार्यक्रम जनजातीय कार्य मंत्रालय (MoTA) द्वारा, केंद्रीय मंत्री जुअल ओराम के नेतृत्व में देशभर में आयोजित किया गया।

देशभर में उत्सव:
इस पखवाड़े के दौरान विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें शामिल हैं:

  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: करियर मार्गदर्शन कार्यक्रम

  • आंध्र प्रदेश: वृक्षारोपण अभियान और विरासत रैली

  • जम्मू और कश्मीर: पीवीटीजी (विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूह) लाभ सर्वेक्षण, स्वास्थ्य शिविर और युवा क्लब

  • कर्नाटक, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश: स्कूल स्तर की प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

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भारत और डेनमार्क ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए ‘इंडो-डेनिश बिजनेस काउंसिल’ की शुरुआत की

नवंबर 2025 में, भारत और डेनमार्क ने कोपेनहेगन (डेनमार्क) में ‘इंडो-डेनिश बिजनेस काउंसिल (IDBC)’ की शुरुआत की।
इस परिषद का उद्देश्य नवाचार, निवेश और सतत विकास के माध्यम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।

यह परिषद भारत के डेनमार्क में राजदूत मनीष प्रभात द्वारा लॉन्च की गई, जो भारत-डेनमार्क राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा थी।


प्रमुख जानकारी (Key Details):

  • क्या?
    इंडो–डेनिश बिजनेस काउंसिल (Indo–Danish Business Council – IDBC) की शुरुआत

  • कहाँ?
    कोपेनहेगन, डेनमार्क

  • किसके द्वारा?
    मनीष प्रभात, भारत के डेनमार्क में राजदूत

  • मुख्य क्षेत्र (Focus Areas):
    ग्रीन एनर्जी, फिनटेक, लाइफ साइंसेज़, सतत व्यवसाय नवाचार, हेल्थकेयर और डीप टेक

  • अध्यक्ष (Chairperson):
    फ्रेडी स्वेन (Freddy Svane)

  • सह-अध्यक्ष (Co-Chairs):
    सुधीर मिश्रा और रजत पांडे


इंडो-डेनिश बिजनेस काउंसिल (IDBC) के बारे में:

उद्देश्य (Aim):
IDBC का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संरचित सहयोग (structured cooperation) को बढ़ावा देना है, जिससे रणनीतिक साझेदारी (strategic collaboration) और व्यवसायिक विकास (business growth) को गति मिल सके।

साझेदारी का विस्तार (Expanding Partnership):
यह पहल भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप (India–Denmark Green Strategic Partnership) पर आधारित है, और इसे नवाचार, उद्यमिता (entrepreneurship) और ज्ञान साझा करने (knowledge sharing) के क्षेत्रों तक विस्तारित किया गया है।

मुख्य क्षेत्र (Focus Sectors):
लाइफ साइंसेज़, डीप टेक, हेल्थकेयर, ग्रीन एनर्जी, फिनटेक, वेंचर इकोसिस्टम और सस्टेनेबिलिटी।

सहयोग (Collaboration):
यह परिषद उद्योग जगत के नेताओं, उद्यमियों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाकर वैश्विक हरित और डिजिटल परिवर्तन (green & digital transition) को बढ़ावा देती है।


नेतृत्व संरचना (Leadership Structure):

  • अध्यक्ष (Chairperson):
    फ्रेडी स्वेन (Freddy Svane) — भारत में डेनमार्क के पूर्व राजदूत, जो सतत विकास और हरित अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देते हैं।

  • सह-अध्यक्ष (Co-Chairs):
    सुधीर मिश्रा, ट्रस्ट लीगल (Trust Legal) के संस्थापक
    रजत पांडे, कोपेनहेगन-आधारित वैज्ञानिक और वेंचर कैपिटलिस्ट

  • मेंटोर (भारत संचालन):
    सुभ्रांग्शु कुमार नेओगी, एक अनुभवी संचार रणनीतिकार, IDBC के भारत संचालन का मार्गदर्शन करते हैं।

  • अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि (International Representative):
    रवींद्र कुमार, अपने वैश्विक नेटवर्क के माध्यम से यूके–भारत–डेनमार्क व्यवसाय गलियारे को सहयोग और निवेश के जरिए सशक्त बनाते हैं।


डेनमार्क के बारे में (About Denmark):

  • प्रधानमंत्री (PM): मेटे फ्रेडरिक्सन (Mette Frederiksen)

  • राजधानी (Capital): कोपेनहेगन (Copenhagen)

  • मुद्रा (Currency): डैनिश क्रोन (Danish Krone – DKK)

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भारत के शीर्ष 1% लोगों की संपत्ति 2000 से अब तक 62% बढ़ी: G20 रिपोर्ट

नवंबर 2025 में, दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में गठित G20 के वैश्विक असमानता पर स्वतंत्र विशेषज्ञों की असाधारण समिति (G20 Extraordinary Committee of Independent Experts on Global Inequality) ने अपनी पहली रिपोर्ट जारी की।
इस रिपोर्ट का शीर्षक था “G20 Extraordinary Committee of Independent Experts on Global Inequality”, जिसमें वर्ष 2000 से 2023 के बीच भारत के सबसे धनी 1% लोगों की संपत्ति में 62% की वृद्धि दर्ज की गई।


G20 रिपोर्ट की मुख्य बातें (Key Highlights of G20 Report):

  • रिपोर्ट के बारे में (About the Report):
    यह रिपोर्ट नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ स्टिग्लिट्ज़ (Joseph Stiglitz) के नेतृत्व में तैयार की गई है।
    इसमें विश्व स्तर पर आय (income) और संपत्ति (wealth) में असमानताओं के पैटर्न का अध्ययन किया गया है।

  • आय असमानता (Income Inequality):
    विश्व के 83% देशों में आय असमानता बहुत अधिक पाई गई है (Gini coefficient 0.4 से ऊपर)।
    ये देश विश्व की 90% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

  • संपत्ति असमानता (Wealth Inequality):
    वर्ष 2000 से 2024 के बीच, दुनिया के सबसे धनी 1% लोगों ने नई उत्पन्न संपत्ति का 41% हिस्सा हासिल किया, जबकि सबसे निचले 50% लोगों को मात्र 1% हिस्सा मिला।

    2000 से 2023 के बीच, दुनिया के आधे से अधिक देशों में शीर्ष 1% की संपत्ति हिस्सेदारी बढ़ी, जिन देशों में वैश्विक जनसंख्या का लगभग 74% निवास करता है।

  • भोजन असुरक्षा (Food Insecurity):
    विश्वभर में 2.3 अरब (2.3 billion) लोग मध्यम या गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं, जो 2019 की तुलना में 33.5 करोड़ (335 million) अधिक है।

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स्कैपिया (Scapia) और फेडरल बैंक ने लॉन्च किए ‘फैमिली ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड’ और ‘स्कैपिया स्टोर’ ट्रैवल शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म

नवंबर 2025 में, ट्रैवल फिनटेक कंपनी स्कैपिया (Scapia) ने फेडरल बैंक लिमिटेड (Federal Bank Limited) के साथ मिलकर दो नए इनिशिएटिव लॉन्च किए:

  • फैमिली ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड फीचर

  • स्कैपिया स्टोर (Scapia Store) – भारत का पहला ट्रैवल-फ़ोकस्ड शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म

इन पहलों का उद्देश्य भारत में यात्रा करने वाले ग्राहकों के लिए एक एकीकृत वित्तीय इकोसिस्टम को मजबूत करना है।


क्या लॉन्च किया गया?

  • फैमिली ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड फीचर और स्कैपिया स्टोर

संबंधित संस्थाएं: स्कैपिया और फेडरल बैंक
उद्देश्य: यात्रा-केंद्रित वित्तीय इकोसिस्टम का विस्तार करना


फैमिली ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड्स

  • कार्ड लिमिट: अधिकतम 3 ऐड-ऑन कार्ड जारी किए जा सकते हैं

  • पात्रता: 18 वर्ष से अधिक आयु के परिवार के सदस्य

  • एक्सेस: स्वतंत्र ऐप लॉगिन और ओटीपी ऑथेंटिकेशन

  • ऑनबोर्डिंग: 100% डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया

कार्ड जारी करना और नियंत्रण:
मुख्य कार्डधारक अपने परिवार के सदस्यों के लिए 3 तक ऐड-ऑन कार्ड जारी कर सकते हैं और हर कार्ड के लिए खर्च सीमा तय कर सकते हैं।

एक्सेस और मैनेजमेंट:
हर ऐड-ऑन यूज़र को स्वतंत्र ऐप लॉगिन, ओटीपी वेरिफिकेशन और ट्रांजैक्शन देखने की सुविधा मिलती है।

रिवॉर्ड्स और लाभ:
सभी यूज़र स्कैपिया कॉइन (Scapia Coins) कमा और रिडीम कर सकते हैं, निर्धारित खर्च सीमा पूरी करने के बाद असीमित घरेलू लाउंज एक्सेस का लाभ उठा सकते हैं, और अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन पर ज़ीरो फॉरेक्स मार्कअप प्राप्त कर सकते हैं।

ऑनबोर्डिंग और केवाईसी:
यह पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया है। PAN, आधार और वीडियो KYC पूरी होने के बाद वर्चुअल कार्ड तुरंत जारी किया जाता है। फिजिकल कार्ड 5–7 दिनों में डिलीवर किया जाता है।

देयता (Liability):
मुख्य कार्डधारक पर ही कुल क्रेडिट की जिम्मेदारी रहती है।


स्कैपिया स्टोर (Scapia Store)

  • प्रकार: यात्रा-केंद्रित शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म

  • उत्पाद: परिधान (Apparel), एक्सेसरीज़, लगेज और गैजेट्स

  • ब्रांड्स: Columbia, Daily Objects, Tripole, Nasher Miles

स्मार्ट शॉपिंग:
यूज़र अपने ट्रैवल लोकेशन, मौसम या यात्रा के प्रकार के अनुसार प्रोडक्ट्स ब्राउज़ और खरीद सकते हैं।
प्लेटफ़ॉर्म पर 20% कैशबैक स्कैपिया कॉइन (Scapia Coins) के रूप में मिलता है, जिसे भविष्य की ख़रीदारी या ट्रैवल बुकिंग में उपयोग किया जा सकता है।


फेडरल बैंक लिमिटेड (Federal Bank Limited)

  • मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और सीईओ (CEO): के. वी. एस. मणियन

  • मुख्यालय: अलुवा, केरल

  • स्थापना वर्ष: 1931

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एसबीआई (SBI) ने IIBX पर ‘स्पेशल कैटेगरी क्लाइंट’ के रूप में पहला गोल्ड ट्रेड किया

नवंबर 2025 में, भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI) ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City), गुजरात स्थित इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) पर अपने पहले गोल्ड ट्रांजैक्शन (Gold Transaction) को स्पेशल कैटेगरी क्लाइंट (Special Category Client – SCC) के रूप में पूरा किया।
यह कदम भारत के बुलियन मार्केट सुधारों (Bullion Market Reforms) में एक नया अध्याय जोड़ता है।


क्या हुआ?

पहला गोल्ड ट्रांजैक्शन निष्पादित

किसने किया?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI)

किस रूप में?
स्पेशल कैटेगरी क्लाइंट (SCC)

कहां पर?
इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX), गिफ्ट सिटी, गुजरात

महत्व:
SBI IIBX का पहला भारतीय बैंक बन गया जिसने ट्रेडिंग-कम-क्लियरिंग (TCM) सदस्य के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया।


IIBX में SBI की भागीदारी (SBI’s Participation in IIBX)

उद्देश्य (Objective):
इस पहल का उद्देश्य बुलियन आयात प्रक्रियाओं को सरल बनाना, मूल्य पारदर्शिता (Price Transparency) बढ़ाना और ज्वेलरी एक्सपोर्टर्स व MSMEs को एक नियामित ट्रेडिंग फ्रेमवर्क के तहत बेहतर मार्केट एक्सेस प्रदान करना है।

SCC स्टेटस (SCC Status):
इस कैटेगरी के तहत बैंक बिना ट्रेडिंग सदस्य बने सीधे बुलियन ट्रेडिंग में भाग ले सकते हैं, जिससे प्रोक्योरमेंट आसान होता है और प्राइस डिस्कवरी बेहतर होती है।

TCM सदस्यता (TCM Membership):
SBI ने 2024 में IIBX के ट्रेडिंग-कम-क्लियरिंग (Trading-cum-Clearing) सदस्य के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था, जो इसे इस श्रेणी में पहला भारतीय बैंक बनाता है।

ग्लोबल ट्रेडिंग हब (Global Trading Hub):
यह कदम सरकार की उस दृष्टि के अनुरूप है, जिसमें GIFT City को एक वैश्विक बुलियन ट्रेडिंग हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जो IFSCA (International Financial Services Centers Authority) के तहत संचालित है।


भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India – SBI)

  • स्थापना वर्ष: 1955

  • मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र

  • अध्यक्ष (Chairman): दिनेश कुमार खारा

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QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स एशिया 2026: हांगकांग यूनिवर्सिटी टॉप पर, IIT दिल्ली 59वें स्थान पर फिसला

नवंबर 2025 में, यूनाइटेड किंगडम (UK) आधारित ग्लोबल हायर एजुकेशन एनालिटिक्स फर्म क्वाक्वारेली साइमंड्स (Quacquarelli Symonds – QS) ने QS World University Rankings: Asia 2026 जारी की।

नई रैंकिंग के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली को वर्ष 2026 में 59वां स्थान मिला है। IIT दिल्ली ने 78.6 का ओवरऑल स्कोर प्राप्त किया है, जबकि 2025 में यह 44वें स्थान पर और 2024 में 46वें स्थान पर था।

हांगकांग यूनिवर्सिटी (The University of Hong Kong) ने 100 के स्कोर के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जबकि पेकिंग यूनिवर्सिटी (चीन) 99.9 अंकों के साथ दूसरे और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (NTU) तथा नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) दोनों ने 99 स्कोर के साथ संयुक्त रूप से तीसरा स्थान साझा किया।


QS World University Rankings Asia 2026 – प्रमुख जानकारी

समीक्षा (Overview):
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स एशिया 2026 का यह 17वां संस्करण है, जिसमें 25 देशों की 1,529 यूनिवर्सिटीज़ शामिल हैं।

महत्व (Significance):
यह क्षेत्रीय रैंकिंग विशेष रूप से एशिया की उच्च शिक्षा पर केंद्रित है और इसमें ऐसे यूनिक इंडिकेटर्स शामिल हैं जो ग्लोबल रैंकिंग में नहीं होते — जैसे “Staff with a PhD” और “Exchange Students”।


शीर्ष 10 विश्वविद्यालय (Top 10 Universities)

  1. The University of Hong Kong – हांगकांग (स्कोर: 100)

  2. Peking University – चीन (99.9)

  3. Nanyang Technological University (NTU) – सिंगापुर (99)

  4. National University of Singapore (NUS) – सिंगापुर (99)

  5. Fudan University – चीन (98.7)

  6. The Hong Kong University of Science and Technology (HKUST) – हांगकांग (98.5)

  7. City University of Hong Kong (CityUHK) – हांगकांग (98.4)

  8. The Chinese University of Hong Kong (CUHK) – हांगकांग (98.4)

  9. Tsinghua University – चीन (98.3)

  10. The Hong Kong Polytechnic University – हांगकांग (97.1)


प्रमुख देश और प्रतिनिधित्व (Leading Country Representation)

  • चीन (China) – सबसे अधिक 394 यूनिवर्सिटीज़ के साथ शीर्ष पर है।

  • शीर्ष 10 में चीन की 3 यूनिवर्सिटीज़, शीर्ष 50 में 13, और शीर्ष 100 में 25 यूनिवर्सिटीज़ शामिल हैं।


भारतीय विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन (Indian Universities Performance)

  • भारत की 294 यूनिवर्सिटीज़ को QS World University Rankings Asia 2026 में स्थान मिला है।

  • इनमें से 7 भारतीय संस्थान शीर्ष 100 में हैं:

    • IIT दिल्ली (59वां)

    • IISc बेंगलुरु

    • IIT मद्रास

    • IIT बॉम्बे

    • IIT कानपुर

    • IIT खड़गपुर (77वां, स्कोर 73.4)

    • दिल्ली विश्वविद्यालय (95वां, स्कोर 68.5)

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (Chandigarh University, पंजाब) — भारत की एकमात्र यूनिवर्सिटी जिसने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, 2025 में 120वें स्थान से 2026 में 109वें स्थान पर पहुंची।

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अमूल (Amul) बनी दुनिया की नंबर 1 कोऑपरेटिव – ICA वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर 2025 में शीर्ष स्थान

नवंबर 2025 में, गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) — जो अमूल (Amul) ब्रांड के तहत कार्य करती है — को इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (ICA) की वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर 2025 (World Cooperative Monitor 2025) रिपोर्ट में GDP per capita प्रदर्शन के आधार पर दुनिया की नंबर 1 कोऑपरेटिव के रूप में रैंक किया गया।

यह प्रतिष्ठित रैंकिंग “ICA Cooperative Milestones 50 (CM50)” सम्मेलन के दौरान दोहा, कतर (Doha, Qatar) में घोषित की गई, जिसमें अमूल के ग्रामीण विकास, समावेशी वृद्धि और कोऑपरेटिव गवर्नेंस में योगदान को सराहा गया।


वर्ल्ड कोऑपरेटिव मॉनिटर (World Cooperative Monitor) के बारे में

  • डेवलप्ड बाय: इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (ICA)
    तकनीकी सहयोग: यूरोपियन रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑन कोऑपरेटिव एंड सोशल एंटरप्राइजेज (EURICSE)

  • रैंकिंग के प्रकार:

    • टर्नओवर आधारित रैंकिंग (Turnover-based ranking)

    • टर्नओवर-टू-GDP प्रति व्यक्ति अनुपात (Turnover-to-GDP per capita ratio)

  • 2025 संस्करण:
    इस रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2023 (1 अप्रैल 2023 – 31 मार्च 2024) के डेटा का उपयोग किया गया है, जो विभिन्न देशों के लेखा मानकों के अनुसार भिन्न होता है।


शीर्ष भारतीय कोऑपरेटिव्स (Top-Ranked Indian Cooperatives)

  • GCMMF (Amul):

    • GDP per capita रैंकिंग में दुनिया की नंबर 1 कोऑपरेटिव

    • वार्षिक टर्नओवर: USD 7.3 बिलियन

    • प्रतिदिन लगभग 3.5 करोड़ लीटर दूध का संग्रह

    • किसान-प्रबंधित मॉडल और मजबूत बाजार उपस्थिति के कारण अग्रणी स्थान हासिल किया।

  • IFFCO (Indian Farmers Fertiliser Cooperative Limited):

    • दुनिया में दूसरा स्थान प्राप्त

    • 35,000 कोऑपरेटिव्स के माध्यम से 5 करोड़ किसानों को सेवा प्रदान करता है।

    • उर्वरक, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और सतत कृषि प्रथाओं पर फोकस।


इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (ICA) के बारे में

  • President: एरियल ग्वार्को (Ariel Guarco)

  • मुख्यालय: ब्रसेल्स, बेल्जियम (Brussels, Belgium)

  • स्थापना वर्ष: 1895

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गुरुदेव श्री श्री रविशंकर को मिला ‘2025 वर्ल्ड लीडर फॉर पीस एंड सिक्योरिटी अवॉर्ड’

नवंबर 2025 में, आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन (Art of Living Foundation) के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रविशंकर (Gurudev Sri Sri Ravi Shankar) को “2025 World Leader for Peace and Security Award” से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान बोस्टन ग्लोबल फोरम (Boston Global Forum – BGF) और एआई वर्ल्ड सोसाइटी (AI World Society – AIWS) द्वारा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University), कैम्ब्रिज (Cambridge, USA) में प्रदान किया गया।

यह अवॉर्ड वैश्विक शांति, मेल-मिलाप और मानवीय सेवा (Global Peace, Reconciliation & Humanitarian Service) में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है।


मुख्य तथ्य (Key Points)

  • क्या: 2025 World Leader for Peace and Security Award

  • किसे: गुरुदेव श्री श्री रविशंकर

  • किसके द्वारा: Boston Global Forum (BGF) और AI World Society (AIWS)

  • कहां: Harvard University, Cambridge (USA)

  • महत्व: अवॉर्ड का 10वां वर्ष (2015–2025)


अवॉर्ड के बारे में (About the Award)

  • उद्देश्य: यह अवॉर्ड उन विश्व नेताओं को सम्मानित करता है जिन्होंने नैतिक साहस (Moral Courage), दूरदर्शी नेतृत्व (Visionary Leadership) और करुणा (Compassion) के माध्यम से वैश्विक शांति (Global Peace) को बढ़ावा दिया है।

  • 2025 की थीम: “Promoting inner harmony, interfaith dialogue, and ethical governance.”

  • वैश्विक शांति पहल (Global Peace Initiatives):
    श्री श्री रविशंकर को कोलंबिया, इराक, श्रीलंका, म्यांमार, वेनेज़ुएला और जम्मू-कश्मीर (J&K) में संघर्षों को सुलझाने में उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया।

पूर्व प्राप्तकर्ता (Previous Recipients):

  • शिंजो आबे (Shinzō Abe) – जापान

  • एंजेला मर्केल (Angela Merkel) – जर्मनी

  • बान की मून (Ban Ki-moon) – संयुक्त राष्ट्र

  • साउली निनिस्टो (Sauli Niinistö) – फिनलैंड

  • वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की (Volodymyr Zelenskyy) – यूक्रेन

  • इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) – फ्रांस

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एस. शंकरसुबरमण्यम बने फर्टिलाइज़र एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) के नए चेयरमैन

अक्टूबर 2025 में, कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (Coromandel International Ltd) के एमडी और सीईओ एस. शंकरसुबरमण्यम (S. Sankarasubramaniam) को फर्टिलाइज़र एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FAI) का नया चेयरमैन (Chairman) नियुक्त किया गया।
यह निर्णय नई दिल्ली में हुई FAI बोर्ड मीटिंग के दौरान लिया गया।

वे सैलेश सी. मेहता (Sailesh C. Mehta) के उत्तराधिकारी बने हैं।


मुख्य जानकारी (Key Details)

  • क्या: FAI के चेयरमैन के रूप में नियुक्त

  • कौन: एस. शंकरसुबरमण्यम (MD & CEO, Coromandel)

  • पूर्व चेयरमैन: सैलेश सी. मेहता

  • सह-अध्यक्ष (Co-Chairman): सिबा प्रसाद मोहंती (MD, HURL)


एस. शंकरसुबरमण्यम के बारे में (About S. Sankarasubramaniam)

  • अनुभव: उर्वरक (Fertilizer) और कृषि व्यवसाय (Agri-business) क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव।

  • कैरियर यात्रा:

    • 1993 में मुरुगप्पा ग्रुप से जुड़े।

    • 2003 में कोरोमंडल इंटरनेशनल में शामिल हुए।

    • 2011 में CFO बने।

    • 2017 में न्यूट्रिएंट बिजनेस (Nutrient Business) का कार्यभार संभाला।

    • अगस्त 2024 में MD & CEO के रूप में नियुक्त हुए।

  • सदस्यता: इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICWAI) के सदस्य।

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Google ने ‘Project Suncatcher’ लॉन्च किया – अंतरिक्ष आधारित AI इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए

नवंबर 2025 में, Google LLC ने ‘Project Suncatcher’ नामक एक शोध पहल की घोषणा की, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा चालित (solar-powered) Artificial Intelligence (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम विकसित करना है।
यह सिस्टम Low-Earth Orbit (LEO) में स्थित उपग्रहों पर Tensor Processing Units (TPUs) का उपयोग करेगा ताकि मशीन लर्निंग (ML) कंप्यूट सिस्टम्स की क्षमता और व्यवहार्यता का अध्ययन किया जा सके।


मुख्य बिंदु (Key Highlights):

  • क्या? – Google ने ‘Project Suncatcher’ लॉन्च किया ताकि अंतरिक्ष में AI कंप्यूट सिस्टम विकसित किए जा सकें।

  • साझेदार (Partner): Planet Labs PBC

  • पहला लॉन्च (First Launch): दो प्रोटोटाइप उपग्रह 2027 की शुरुआत में लॉन्च किए जाएंगे।

  • उद्देश्य (Objective): अंतरिक्ष में स्केलेबल AI/ML कंप्यूट सिस्टम बनाना।

  • मुख्य तकनीक (Key Technology): Trillium-Generation Tensor Processing Units (TPUs)

  • कक्षा (Orbit Type): Dawn–Dusk Sun-Synchronous Low-Earth Orbit

  • संभावित लागत (Potential Launch Cost): 2030 के मध्य तक USD 200/kg से कम


Project Suncatcher के बारे में:

  • प्रोजेक्ट अवलोकन (Project Overview):
    इसका लक्ष्य सौर ऊर्जा से संचालित अंतरिक्ष आधारित AI इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना है। इसमें Trillium TPUs का उपयोग होगा जो 15 krad (Si) तक विकिरण सह सकते हैं। यह सिस्टम Dawn–Dusk ऑर्बिट में उन्नत थर्मल रेडिएटर्स के साथ कार्य करेगा ताकि गर्मी नियंत्रित की जा सके।

  • लॉन्च और साझेदारी (Launch & Partnership):
    दो प्रोटोटाइप उपग्रह, Planet Labs के साथ मिलकर विकसित किए जा रहे हैं, जिन्हें 2027 की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा ताकि AI प्रदर्शन और ऑप्टिकल संचार प्रणाली का परीक्षण किया जा सके।

  • सौर ऊर्जा संचालित उपग्रह (Solar-Powered Satellites):
    उपग्रहों को Sun-Synchronous Orbit में रखा जाएगा जहाँ सौर पैनल लगभग 8 गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर सकेंगे, जिससे लगातार ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

  • संचार परीक्षण (Communication Test):
    प्रयोगशाला स्तर पर 800 Gbps (दोनों दिशाओं में कुल 1.6 Tbps) की गति सफलतापूर्वक प्राप्त की गई।
    इसमें Dense Wavelength Division Multiplexing (DWDM) आधारित फ्री-स्पेस ऑप्टिकल लिंक तकनीक का उपयोग किया गया जो उपग्रहों के बीच तेज़ संचार के लिए महत्वपूर्ण है।

  • कॉनस्टेलेशन और हार्डवेयर (Constellation & Hardware):
    81 उपग्रहों का समूह 1 किलोमीटर की दूरी में एक वितरित AI नेटवर्क बनाएगा, जो DWDM तकनीक पर आधारित FSO लिंक से जुड़ा होगा और दसियों Tbps तक डेटा ट्रांसफर कर सकेगा।

  • आर्थिक दृष्टिकोण (Economic Outlook):
    यदि 2030 के दशक के मध्य तक लॉन्च लागत USD 200/kg से नीचे आती है, तो अंतरिक्ष आधारित डेटा सेंटर पृथ्वी आधारित डेटा सेंटर के समान किफायती हो जाएंगे, जिससे AI क्षेत्र में स्थायी और स्केलेबल विकास संभव होगा।

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OpenAI ने लॉन्च किया ‘IndQA’ — भारतीय भाषाओं में AI Reasoning को बेहतर बनाने के लिए

3 नवंबर 2025 को, OpenAI, जो एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी है, ने “IndQA (Indian Question Answering)” नामक एक नया AI Benchmark लॉन्च किया।
इसका उद्देश्य यह मूल्यांकन करना है कि AI मॉडल भारतीय संस्कृति और दैनिक जीवन को भारतीय भाषाओं में कितनी प्रभावी ढंग से समझते और विश्लेषण करते हैं।


मुख्य बिंदु (Key Highlights):

  • क्या? – IndQA का लॉन्च

  • किसने? – OpenAI

  • उद्देश्य (Purpose): भारतीय भाषाओं में AI reasoning को बेहतर बनाना

  • भाषाएँ (Languages): 12

  • प्रश्नों की संख्या (Questions): 2,278 प्रश्न

  • डोमेन (Domains): 10 सांस्कृतिक क्षेत्र


IndQA के बारे में (About IndQA):

  • भाषाएँ (Languages):
    IndQA में 12 भारतीय भाषाएँ शामिल हैं — बंगाली, हिंदी, हिंग्लिश (Hindi + English), कन्नड़, मराठी, उड़िया, तेलुगू, गुजराती, मलयालम, पंजाबी, तमिल और अंग्रेज़ी।

  • सांस्कृतिक क्षेत्र (Domains):
    इसमें 10 सांस्कृतिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जैसे —
    Architecture and Design, Arts & Culture, Everyday Life, Food & Cuisine, History, Law & Ethics, Literature & Linguistics, Media & Entertainment, Religion & Spirituality, और Sports & Recreation

  • डेटासेट (Dataset):
    यह डेटा 261 विशेषज्ञों के सहयोग से विकसित किया गया है, जिसमें 2,278 मूल प्रश्न भारतीय भाषाओं में शामिल हैं।
    हर प्रश्न के साथ अंग्रेज़ी अनुवाद, मूल्यांकन मानदंड (grading rubric), और विशेषज्ञों द्वारा स्वीकृत आदर्श उत्तर (ideal answer) दिया गया है।

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हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद परमानंद हिंदुजा का निधन

4 नवंबर 2025 को, भारतीय मूल के ब्रिटिश अरबपति गोपीचंद परमानंद हिंदुजा, जो हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) के चेयरमैन थे, का लंदन, यूनाइटेड किंगडम (UK) में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
उनका जन्म वर्ष 1940 में कराची, ब्रिटिश इंडिया (अब पाकिस्तान) में हुआ था।


मुख्य बिंदु (Key Highlights):

  • क्या? – हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद परमानंद हिंदुजा का निधन

  • कहाँ? – लंदन, यूनाइटेड किंगडम (UK)

  • मुख्य अधिग्रहण (Key Acquisitions): Gulf Oil (1984) और Ashok Leyland (1987)

  • धन और मान्यता (Wealth & Recognition): The Sunday Times Rich List 2025 में GBP 35.3 बिलियन की संपत्ति के साथ शीर्ष स्थान पर


गोपीचंद परमानंद हिंदुजा के बारे में (About Gopichand Parmanand Hinduja):

  • व्यक्तिगत विरासत (Personal Legacy):
    लोकप्रिय रूप से ‘GP’ के नाम से जाने जाने वाले गोपीचंद हिंदुजा एक दूरदर्शी उद्योगपति थे जिन्होंने रणनीतिक नेतृत्व और नवाचार (strategic leadership and innovation) के माध्यम से भारतीय व्यवसाय की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत किया।

  • व्यावसायिक यात्रा (Business Journey):
    उन्होंने 1959 में मुंबई, महाराष्ट्र में पारिवारिक व्यवसाय से जुड़कर इसे एक ट्रेडिंग फर्म से वैश्विक समूह (global conglomerate) में बदलने में अहम भूमिका निभाई।
    उन्होंने 1984 में Gulf Oil और 1987 में Ashok Leyland का अधिग्रहण किया — जो भारत में पहली प्रमुख Non-Resident Indian (NRI) निवेश परियोजनाओं में से एक थी।

  • व्यवसाय विस्तार (Business Expansion):
    उनके नेतृत्व में हिंदुजा ग्रुप ने ऑटोमोबाइल, बैंकिंग और फाइनेंस, सूचना प्रौद्योगिकी (IT), रियल एस्टेट, पावर, और मीडिया सहित 11 प्रमुख क्षेत्रों में विस्तार किया।

  • नेतृत्व (Leadership):
    मई 2023 में अपने बड़े भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद उन्होंने ग्रुप चेयरमैन का पद संभाला।

  • धन और मान्यता (Wealth & Recognition):
    मई 2025 में, गोपीचंद हिंदुजा के नेतृत्व में हिंदुजा परिवार लगातार चौथे वर्ष The Sunday Times Rich List 2025 में शीर्ष पर रहा, जिनकी अनुमानित संपत्ति GBP 35.3 बिलियन (लगभग ₹2,53,000 करोड़) आंकी गई।

  • शैक्षणिक सम्मान (Academic Honours):
    उन्हें University of Westminster (UK) से Honorary Doctor of Law और Richmond College, London (UK) से Honorary Doctorate of Economics की उपाधि मिली।

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पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी का 84 वर्ष की आयु में निधन

दिनांक: 3 नवंबर 2025

स्थान: वॉशिंगटन डी.सी., अमेरिका


सारांश:

3 नवंबर 2025 को संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के पूर्व उपराष्ट्रपति रिचर्ड ब्रूस “डिक” चेनी का 84 वर्ष की आयु में वॉशिंगटन डी.सी. (USA) में निधन हो गया।
उन्होंने 2001 से 2009 तक राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के अधीन 46वें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और “चेनी सिद्धांत (Cheney Doctrine)” के लिए प्रसिद्ध थे, जो 9/11 हमलों के बाद पूर्व-आक्रामक कार्रवाई (pre-emptive action) और कार्यपालिका की शक्तियों के विस्तार (expanded executive powers) की वकालत करता था।


मुख्य विवरण:

  • क्या: पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी का निधन

  • कहाँ: वॉशिंगटन डी.सी., अमेरिका

  • कौन: अमेरिका के 46वें उपराष्ट्रपति

  • किसके अधीन सेवा की: राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश

  • प्रसिद्धि का कारण: “चेनी सिद्धांत” – 9/11 के बाद सुरक्षा नीति और कार्यपालिका शक्तियों का विस्तार


डिक चेनी के बारे में:

राजनीतिक करियर:
डिक चेनी ने 1968 में एक कांग्रेसी फेलो (Congressional Fellow) के रूप में सार्वजनिक सेवा की शुरुआत की।
बाद में वे राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड (1975–77) के तहत व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ (White House Chief of Staff) बने और वायोमिंग से छह बार प्रतिनिधि (Representative) चुने गए।

रक्षा सचिव (Secretary of Defense):
उन्होंने राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश के अधीन अमेरिका के रक्षा सचिव के रूप में कार्य किया और 1991 के खाड़ी युद्ध (Gulf War) जैसी प्रमुख सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया।

9/11 के बाद नेतृत्व:
9/11 हमलों के बाद, चेनी ने “चेनी सिद्धांत (Cheney Doctrine)” के तहत अमेरिका की आतंकवाद-रोधी रणनीति (Counter-Terrorism Strategy) को आकार दिया।
उन्होंने 2003 के इराक आक्रमण (Iraq Invasion) में प्रमुख भूमिका निभाई, हालांकि विनाशकारी हथियारों (WMDs) की अनुपस्थिति पर आलोचना भी हुई।

प्रभाव और विरासत:
उन्हें अमेरिका के सबसे प्रभावशाली उपराष्ट्रपतियों में से एक माना जाता है, जिन्होंने विदेश नीति (Foreign Policy) और रक्षा नीति (Defense Policy) को सुरक्षा-केंद्रित दृष्टिकोण से आकार दिया।

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘PM श्री एयर टूरिज्म हेलीकॉप्टर टूरिज्म सर्विस’ का शुभारंभ किया

दिनांक: 1 नवंबर 2025

स्थान: भोपाल, मध्य प्रदेश


सारांश:

1 नवंबर 2025 को मध्य प्रदेश (MP) के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर राजा भोज एयरपोर्ट, भोपाल में प्रधानमंत्री (PM) श्री एरियल टूरिज्म हेलीकॉप्टर सर्विस (PM Shri Air Tourism Helicopter Service) का उद्घाटन किया।

इस लॉन्च के साथ, मध्य प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया, जिसने एयर एम्बुलेंस (Air Ambulance) और हेलीकॉप्टर टूरिज्म सर्विस (Helicopter Tourism Service) — दोनों को अपनी राज्य-आंतरिक (intra-state) हवाई कनेक्टिविटी पहल के तहत शुरू किया है।


मुख्य विवरण:

  • क्या: PM श्री एयर टूरिज्म हेलीकॉप्टर टूरिज्म सर्विस का उद्घाटन

  • किसने किया: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने

  • कहाँ: राजा भोज एयरपोर्ट, भोपाल

  • अवसर: मध्य प्रदेश का 70वां स्थापना दिवस

  • महत्व: भारत का पहला राज्य जिसने एक साथ एयर एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टर टूरिज्म सेवाएं शुरू कीं

  • मॉडल: PPP (Public-Private Partnership) मॉडल के तहत संचालन


PM श्री एयर टूरिज्म हेलीकॉप्टर टूरिज्म सर्विस के बारे में:

सेवा का उद्देश्य:
यह मध्य प्रदेश की पहली राज्य-आंतरिक हेलीकॉप्टर टूरिज्म सेवा है, जिसका उद्देश्य राज्य के प्रमुख तीर्थस्थल (pilgrimage destinations), वन्यजीव स्थल (wildlife destinations) और धरोहर स्थलों (heritage destinations) को हवाई मार्ग से जोड़ना है।

संचालन मॉडल (Operational Model):
यह सेवा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत संचालित की जा रही है, जिसमें Trans Bharat Aviation और Jet Serve Aviation Private Limited जैसी कंपनियाँ भागीदार हैं।

हेलीकॉप्टर मार्ग (Routes):

  • इंदौर – उज्जैन – ओंकारेश्वर

  • भोपाल – मधई – पचमढ़ी

  • जबलपुर – बांधवगढ़ – कान्हा

ये मार्ग आध्यात्मिक पर्यटन (Spiritual & Pilgrimage Tourism), हेरिटेज एवं लेज़र टूरिज्म (Heritage & Leisure Tourism) और वन्यजीव एवं इको-टूरिज्म (Wildlife & Eco-Tourism) को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।

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तेलंगाना सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए TAIH की स्थापना की

दिनांक: नवंबर 2025

स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना


सारांश:

नवंबर 2025 में, तेलंगाना सरकार (Government of Telangana) ने तेलंगाना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनोवेशन हब (Telangana Artificial Intelligence Innovation Hub – TAIH) की स्थापना हैदराबाद (Hyderabad) में की।
इस पहल का उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है तथा तेलंगाना को वर्ष 2035 तक विश्व के शीर्ष 20 एआई हब्स में शामिल करना है।

इस पहल का शुभारंभ डी. श्रीधर बाबू, मंत्री – सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार, उद्योग एवं वाणिज्य, तेलंगाना द्वारा किया गया।


मुख्य जानकारी:

  • क्या: तेलंगाना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनोवेशन हब (TAIH) की स्थापना

  • किसने किया: डी. श्रीधर बाबू, मंत्री – सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार, उद्योग एवं वाणिज्य, तेलंगाना

  • लक्ष्य: 2035 तक तेलंगाना को विश्व के शीर्ष 20 एआई हब्स में शामिल करना

  • स्थान: हैदराबाद, तेलंगाना

  • प्रशासन: विशेष मुख्य सचिव (IT), MeeSeva के आयुक्त, और उभरती तकनीकों (Emerging Technologies) के संयुक्त निदेशक

  • उद्योग भागीदार (Industry Partners): Google, Microsoft, Infosys, Amazon

  • शैक्षणिक साझेदार (Academic Partners): IIIT Hyderabad, BITS Pilani, ISB, NALSAR University of Law, IIT Hyderabad, C-DAC


तेलंगाना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनोवेशन हब (TAIH) के बारे में:

उद्देश्य:
TAIH का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में AI आधारित नवाचार (AI-based Innovation), अनुसंधान (Research) और सहयोग (Collaboration) को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय मंच (Central Platform) के रूप में कार्य करना है।

प्रशासनिक ढांचा (Governance):
TAIH का संचालन एक समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें शामिल हैं:

  • विशेष मुख्य सचिव (सूचना प्रौद्योगिकी, IT)

  • MeeSeva के आयुक्त

  • उभरती तकनीकों के संयुक्त निदेशक

कानूनी संरचना (Legal Structure):
यह हब कंपनी अधिनियम, 2013 (Companies Act, 2013) की धारा 8 (Section 8) के अंतर्गत एक गैर-लाभकारी संस्था (Non-Profit Entity) के रूप में स्थापित किया गया है।

शैक्षणिक और तकनीकी साझेदारी (Academic & Technology Partners):
तेलंगाना सरकार ने कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक और तकनीकी संस्थानों के साथ साझेदारी की है, जिनमें शामिल हैं:

  • इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) हैदराबाद

  • बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) पिलानी

  • इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB)

  • नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च (NALSAR) यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) हैदराबाद

  • सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC)

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